alovera ki dekhbhal kaise karre लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
alovera ki dekhbhal kaise karre लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

रविवार, 25 जुलाई 2021

क्या करें जब हमारे एलोवेरा के पौधे सूखने लगे पीला पड़ने लगे? ऐसे करे एलोवेरा की सेवा हमेशा रहेगा आपका पौधा हरा भरा।

एलोवेरा प्रकृति का एक वरदान हम सभी को उसका सेवन शुद्ध रूप में करना चाहिए।


जिसके लिए हम प्रयास भी करते है नर्सरी से पौधा लाते है मगर कभी कभी वह पौधा लग नही पाता और कभी कभी लग कर पीला पड़ने लगता है, वह सूखने लगता । तो आइए जानते है की उसकी देखभाल कैसे की जाय।
एलोवेरा को उगाना आसन है इसमें जायदा मेहनत नहीं लगती। 
यह जमीन गमले दोनो के लगजाते है। 
अगर कही धूप पूरी तरह नहीं आती तो हम इससे खिड़की में भी रख सकते है। 
गमले में लगाने से पूर्व गमले में छेद करना आवश्यक है ताकि पानी उसमें से निकल पाए।
ध्यान रहे पत्तियां मिट्टी मे ना डालें केवल जड़ों को ही मिट्टी से ढके ताकि सड़न ना आने पाय पौधे पर।
जड़ों का मिट्टी को पकड़ना बहुत आवश्यक है इसलिए लगाने के कुछ दिनों तक इस पर पानी ना दें।
ऐसे करें एलोवेरा के पौधे के लिए मिट्टी तैयार!
क्योंकि एलोवेरा एक सूखा पौधा है इसको भी सुखी और रेतीली मिट्टी की आवश्यकता होती है जैसे कि अन्य कैक्टस प्लांट्स को होती है, सुखी और रेतीली मिट्टी में पानी जमा नहीं होता जोकि एलोवेरा के पौधे की जड़ों को सड़न से बचाने के लिए बहुत आवश्यक है।
ध्यान रहे अगर हम बहुत ही ज्यादा छायादार जगह में एलोवेरा के पौधे को रख देते हैं तो उसके पत्ते हल्के हरे होने लगते हैं और गिरने लगते हैं जिससे हमारा पौधा मरने लगता है और अगर हम उसे बहुत तेज धूप में रख देते हैं तो उसके पत्ते झुलस उठते हैं और भूरे व पीले पड़ने लगते हैं इससे भी हमारा पौधा मर सकता है, पौधा सूख सकता है।  
क्या करें जब होने लगे एलोवेरा की जड़ों में सड़न?
हर पौधे को पानी की आवश्यकता होती ही है परंतु एलोवेरा को चुकी यह सूखा पौधा है इसे कम पानी देना है बहुत कम पानी भी नहीं देना है तो बहुत ज्यादा पानी भी नहीं देना है। ज्यादा पानी देने पर एलोवेरा की जड़ों में सड़न आने लगती है।
अगर हम अपनी पौधे को बाहर रखते हैं तो हमें हर 12 दिवस के बाद उसमें पानी देना चाहिए और अगर हम उससे इंडोर रखते हैं तो हमें हर 24 दिन के पश्चात उस पर पानी देना चाहिए। और गर्मी के दिनों में हमें प्लांट पर ज्यादा पानी देना है और ठंडी के दिनों पर प्लांट पर कम पानी देना है ।
अगर जड़ों में सड़न आने लगी है तो हम यह कर सकते हैं कि जो गमले पर हमने लगाया है या जमीन पर हमने पौधा लगाया है उसे वहां से सुरक्षित रूप से 
वहां से निकाले और किसी दूसरी जगह उसे फिर से लगाएं, ध्यान रहे जब हम उसे पुनः लगाएं तो जो जड़े खराब हो गई है सड़ गई हैं उसे बाहर निकाल दे और फिर उसे पुनः लगाए।

क्या करें जब हमारे एलोवेरा के पत्ते पढ़ने लगे पीले?

ध्यान रहे कि कभी भी एलोवेरा के पौधे को डायरेक्ट सनलाइट में ना रखा जाए उन्हें इन डायरेक्ट सनलाइट की आवश्यकता होती है अन्यथा उनके पत्ते झुलस जाते हैं। जब ऐसा होने लगे तब उसे डायरेक्ट सन लाइट से हटा ले और पीले पड़ गए या भूरे पड़ गए पत्तों को काटकर अलग कर ले। क्योंकि यह पत्ते बाकी अच्छे पत्तो में से पोषक तत्व को खींचने लगते हैं और पूरे पौधे को नुकसान होने लगता है। क्योंकि हम इसे रेतीली मिट्टी पर लगाते हैं और इसके ऊपर अगर हमने डायरेक्ट सनलाइट पर रख दिया तो बहुत जल्दी पानी एवापोरेट हो जाएगा और हमारा पौधा खराब होने लगता है।
तो इन सब बातों का ख्याल रखकर हम अपने एलोवेरा के पौधे को हरा भरा और तंदुरुस्त रख सकते हैं जो कि फिर हमें हरा भरा और तंदुरुस्त रखेगा खूबसूरत रखेगा, मौज मस्ती में रखेगा। 
जैसे कि कई लोग इसकी सब्जी भी बनाकर खाते हैं , जूस भी पिया जाता है और स्किन केयर हेल्थ केयर में तो हम सभी जानते हैं कि एलोवेरा कितना फायदेमंद है। 


# %% import numpy as np import pandas as pd from sklearn.model_selection import train_test_split from sklearn.feature_extraction.text import...